कविता कहानियाँ पढ़े और PDF में डाउनलोड करे

Stories and books have been a fundamental part of human culture since the dawn of civilization, acting as a powerful tool for communication, education, and entertainment. Whether told around a campfire, written in ancient texts, or shared through modern media, Poems in hindi books and stories have the unique ability to transcend time and space, connecting people across generations and cultures. Th...Read More


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  • में और मेरे अहसास - 110

    उजड़े हुए शहरो में आशियाना न ढूंढ़ा कर l इन्सानों के चहरों को नजदीक से पढ़ा कर ll...

  • एक एहसास

    (१) मेरी हरकतें   कभी कभी बस यूँही,महसूस करती हूँ तुझे।  अपने बालों को,धीरे से ह...

  • शायरी - 17

    हर कसमें, हर वादे, हर वफा, की हमें कीमत मिली।मौत भी मुझे आई तो कमजर्फ के गलियों...

में और मेरे अहसास - 110 By Darshita Babubhai Shah

उजड़े हुए शहरो में आशियाना न ढूंढ़ा कर l इन्सानों के चहरों को नजदीक से पढ़ा कर ll   जो होगा देखा जायेगा कल की चिता छोड़कर l जीए जा मस्ती में फ़िक्र को हवा में उड़ा कर ll  ...

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कोई नहीं आप-सा By उषा जरवाल

मेरे पापा शिक्षक थे | बचपन से ही देखती आई थी कि पूरे गाँव के लोग उनका काफी सम्मान करते थे | जिधर से भी निकलते थे वहीँ लोग हाथ जोड़कर 'गुरुजी नमस्ते', गुरुजी प्रणाम' कहे बिना आगे नही...

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एक एहसास By Shefali

(१) मेरी हरकतें   कभी कभी बस यूँही,महसूस करती हूँ तुझे।  अपने बालों को,धीरे से हटाकर शरमा जाती हूँ।।  अपनी आँखों को,आईने में देखकर पलकें झपकाती हूँ। फ़िर एक प्यारी-सी मुस्कान के सा...

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शायरी - 17 By pradeep Kumar Tripathi

हर कसमें, हर वादे, हर वफा, की हमें कीमत मिली।मौत भी मुझे आई तो कमजर्फ के गलियों में।।अप तो अपनी जान पहचान पर ध्यान दीजिए हमसे जो भी एक बार मिला वो तो मेरा हो गया आप की खामोशी ही वज...

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कविता संग्रह By Kaushik Dave

"कविता संग्रह"'मन के विचार 'सोचता हूं क्या करूं?मन के विचारों को कैसे व्यक्त करूं?दुनिया है ऐसी जहां अच्छे शब्दों ही हमें अच्छे लगते हैं और कटु शब्दों से ही नुकसान सोचता हू...

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मेरे शब्दों का संगम By DINESH KUMAR KEER

1.किताब की दोस्ती बहुत कमाल की होती हैं...बात तो नहीं होती, पर बहुत कुछ सिखाती हैं...!2.शिक्षा का मुख्य उद्देश्य स्पष्टीकरण देना नहीं है,बल्कि मन के दरवाजे खटखटाना है...! 3.वह पथ क...

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मनु भाकर की सफलता के पीछे By Dr Yogendra Kumar Pandey

ओलंपिक में मनु भाकर की सफलता के विशेष हैं मायने        आज कवि मौजीराम बहुत प्रसन्न हैं। भारत की बेटी मनु भाकर ने पेरिस ओलंपिक में 10 मीटर एयर पिस्टल इवेंट में कांस्य पदक जीता है।  ...

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हाल ए दिल By DINESH KUMAR KEER

1.बिखरे कितने गम है जमाने में हर एक आंख नम है जमाने में इन्सान ही इन्सान के काम आएगा तौबा कैसे वहम है जमाने मेंभीड़ अपनों की बहुत है लेकिन तन्हा तन्हा आलम है जमाने में तीसरा कोई नज...

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एहसास ए ख़ास By Manshi K

रात की चादर ______________ रात की चादर से लिपट रही हूँ, अंधेरे से खुद को छुपा रही हूँ। खुशियों की राहें अब गुम हो गईं, मेरे दिल की धड़कनें धीमी हो गईं।सपने जो कभी रंगीन थे मेरी नजर...

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धरती-आकाश By sarita baghela

स्वरचित, मौलिक, मानवेतर लघुकथा=धरती-आकाशधरती भूक्का फाड़कर रो रही थी, आकाश ने जब रोने का स्वर सुना तो उससे रहा नहीं गया। धरती की ओर देखा।धरती तुम क्यों रो रही हो,.... क्या हुआ...

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सपने बुनते हुए - 3 By Dr. Suryapal Singh

42. तुम्हीं बताओ मेरी आत्मा थी मनस्वी केवल बिटिया नहीं थी। आत्मा बिना क्या कोई जीवित रह पाता है? तुम कहते हो मैंने तिल-तिल आत्मघात किया मुझे जीना चाहिए था अपने लिए, पति के लिए, समा...

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एक हटिल दरार By Narayan Menariya

एक हटिल दरार... पुस्तक 2015 में मेरे द्वारा लिखित कुछ कविताओं में से छः कविताओं का संग्रह है। प्रथम कविता - में कवि उन सब कारणों का वर्णन कर्ता है जिनकी वजह से एक प्रेमी और उसकी प्...

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उत्तरायण - 2 By Choudhary SAchin Rosha

१. पत्थर दिल डर के बिना कठोरता का कोई अस्तित्व ही नहींपर कठोरता को निष्ठुरता या निर्दयता तुम समझना नहीं कठोरता गुण है पदार्थ का,ऊर्जा का नहीं।भ्रम से निकल सचिन, क्योंकि कठोर हृदय य...

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एहसास ए कविताएं.. By Manshi K

1 . यादें लेते जाना.... कभी आंसुओ तले दबी थी मैं हंस कर गम का घूंट पी थी मैंमालूम नहीं कहां खो गया वो पल वो लम्हा जो मेरा हुआ करता थाक्यूं ख़ामोश हो गया तक़दीर मेरा शायद गलती मेरी...

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बीते दौर की बीती यादें By Er.Vishal Dhusiya

1 रहट पद्धति कहाँ गई रहट पद्धति की सिंचाई कुँए से पानी भर आई बैल कोल्हू को जोड़ आपस में होती खेतों की सिंचाई कहाँ गई रहट पद्धति की सिंचाई शृंखला में बाल्टीयां बँधी बैलें गोल चक्कर...

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कविताएं By Urvi Vaghela

poems by Urvi Vaghela. All poems are written by poetess herself. It's not copy from any sources. These poems are beginning of her journey. 1.भोलापन उस दिन धूप मेंस्कूल मेंनए स्...

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आह्वान प्रेम का - 2 By Choudhary SAchin Rosha

आह्वान प्रेम का 1. बड़े शातिर हो तुम, जोयूं जा रहे हो मुझे इश्क की लत लगाकरपर क्या जताना चाहते हो,अपना ख्याल रखना अब मुझे यह कहकरकि फिक्र करते हो मेरे लिएमेरी फिक्र की तुम फिक्र ना...

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एहसास ए लफ़ज़ By Anju Kumari

1 एतबार इतना तो है हमे उन पर,खुश तो वो भी नही होंगे रुला के हमे,, ---------अंजू ----------- अब क्या क्या मांगू तुझ से ए खुदा ,दो गज जमी भी चाहिए मुझे दो गज कफ़न के बाद,, 2 कुछ ना भ...

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बुन्देली उजियारो ( बुन्देली काव्य संग्रह ) By Manoj kumar shukla

बुन्देली उजियारो ( बुन्देली काव्य संग्रह ) बुन्देली उजियारो महाकौशल के ५७ बुन्देली सृजनशिल्पियों का बुन्देली काव्य संकलन अखिल भारतीय बुन्देलखंड साहित्य एवं संस्कृति परिषद् जबलपुर क...

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कविता By DINESH KUMAR KEER

*(एक खूबसूरत कविता सभी शिक्षकों के लिये!!)*मेरे लिए भी*मत पूछिए कि शिक्षक कौन है?**आपके प्रश्न का सटीक उत्तर* *आपका मौन है।**शिक्षक न पद है, न पेशा है,* *न व्यवसाय है ।**ना ही गृहस...

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दोहा - कहें सुधीर कविराय By Sudhir Srivastava

दोहा - कहें कविराय सुधीर ********युवा, नशा, नाश, अंजान, तन******युवा नशे में चूर हैं, अभी न उनको ज्ञान।नशा नाश उनका करे, इससे वो अंजान।।*****धन, धनिक, धनवान, कुबेर, पाखंड********धन...

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गजल संग्रह By डॉ अनामिका

"खुशनसीब हूँ मैं जो हसरत-ए-दीदार कर सकी.. वक्त के पहले ईद का चांद भी नज़र नहींआता है.."खा़लिक़ तुझसे गुजा़रिश है इकबार तो सामने आअनसुलझे सवाल पूछने हैं जो जे़हन में दफ़न है.. "खुशन...

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एक पहेली By Nandita Pandya

हर पल कुछ नया सीखा कर जाती हे ये जींदगी, हर रोज एक नया मोड लेती के ये जींदगी, हर मोड पर एक नई पहेली होती हे ये जींदगी ,एक पहेली सुलजी नही की दुसरी सुरु,हर एक पहेली सीखा कर जाती हे...

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काव्यांजलि, कविता संग्रह - 3 By Bhupendra Kuldeep

यह कृति मन से उपजी हुई भावनाएँ है जिसे काव्य के रूप में अर्थ दिया गया है। इस संग्रह में विभिन्न् विषयों वाले काव्यों का संकलन है। यह आवश्यक नहीं है कि मेरी सभी भावनाओं से आप सब सहम...

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शायराना फिज़ा... 2 - किस्से, तेरे-मेरे। By Utpal Tomar

~किस्से तेरे-मेरे ~कुछ किस्से बुनूं, तेरे और मेरे ,कुछ ख्वाब देखू जिनमें, मैं हूं और तू हो लिखूं कुछ कहानी तेरी और मेरी कोई सफर तय करूं, मुझसे जो तुझ तक हो, एक ऐलान करूं, जिसमें ना...

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अधूरे प्यार की कहानी - 3 By Jay Khavada

घर माइक्रोसॉफ्ट 365विषय संदेश पर जाएं️ लोकतंत्र प्रेम की एक अधूरी कहानीचर्चा विकल्प कुर्ता1605तांबे का योगदानकर्ता‎अप्रैल 28 2021 03:41 पूर्वाह्न️ लोकतंत्र प्रेम की एक अधूरी कहानी...

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कुएं का मेंढक By Choudhary SAchin Rosha

"कुएं का मेंढक” तीन कविताओं का संग्रह है. क्या है, कैसी है यह तो आप पाठकगण ही बताएं तो अच्छा रहेगा . मैं तो बस आशा कर सकता हूं कि आपको यह संग्रह पसन्द आवें.
तो करो "अभी पढ...

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प्रेरक कविताएँ By Er.Vishal Dhusiya

1 पापा मेरे पापा मेरे सुबह सूरज निकलने से पहले घर छोड़ देते मेरे खुशियों के खातिर दिनभर हैं भटकते शाम को सूरज ढलने के बाद हैं घर लौटते कितना ख्याल रखते हैं मेरा पापा मेरे खुद पहनकर...

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ADHURA ISHQ By Raj_tells

1. सोचता हूँ, के कमी रह गई शायद कुछ याजितना था वो काफी ना था,नहीं समझ पाया तो समझा दिया होताया जितना समझ पाया वो काफी ना था,शिकायत थी तुम्हारी के तुम जताते नहींप्यार है तो कभी जमान...

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में और मेरे अहसास - 110 By Darshita Babubhai Shah

उजड़े हुए शहरो में आशियाना न ढूंढ़ा कर l इन्सानों के चहरों को नजदीक से पढ़ा कर ll   जो होगा देखा जायेगा कल की चिता छोड़कर l जीए जा मस्ती में फ़िक्र को हवा में उड़ा कर ll  ...

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कोई नहीं आप-सा By उषा जरवाल

मेरे पापा शिक्षक थे | बचपन से ही देखती आई थी कि पूरे गाँव के लोग उनका काफी सम्मान करते थे | जिधर से भी निकलते थे वहीँ लोग हाथ जोड़कर 'गुरुजी नमस्ते', गुरुजी प्रणाम' कहे बिना आगे नही...

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एक एहसास By Shefali

(१) मेरी हरकतें   कभी कभी बस यूँही,महसूस करती हूँ तुझे।  अपने बालों को,धीरे से हटाकर शरमा जाती हूँ।।  अपनी आँखों को,आईने में देखकर पलकें झपकाती हूँ। फ़िर एक प्यारी-सी मुस्कान के सा...

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शायरी - 17 By pradeep Kumar Tripathi

हर कसमें, हर वादे, हर वफा, की हमें कीमत मिली।मौत भी मुझे आई तो कमजर्फ के गलियों में।।अप तो अपनी जान पहचान पर ध्यान दीजिए हमसे जो भी एक बार मिला वो तो मेरा हो गया आप की खामोशी ही वज...

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कविता संग्रह By Kaushik Dave

"कविता संग्रह"'मन के विचार 'सोचता हूं क्या करूं?मन के विचारों को कैसे व्यक्त करूं?दुनिया है ऐसी जहां अच्छे शब्दों ही हमें अच्छे लगते हैं और कटु शब्दों से ही नुकसान सोचता हू...

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मेरे शब्दों का संगम By DINESH KUMAR KEER

1.किताब की दोस्ती बहुत कमाल की होती हैं...बात तो नहीं होती, पर बहुत कुछ सिखाती हैं...!2.शिक्षा का मुख्य उद्देश्य स्पष्टीकरण देना नहीं है,बल्कि मन के दरवाजे खटखटाना है...! 3.वह पथ क...

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मनु भाकर की सफलता के पीछे By Dr Yogendra Kumar Pandey

ओलंपिक में मनु भाकर की सफलता के विशेष हैं मायने        आज कवि मौजीराम बहुत प्रसन्न हैं। भारत की बेटी मनु भाकर ने पेरिस ओलंपिक में 10 मीटर एयर पिस्टल इवेंट में कांस्य पदक जीता है।  ...

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हाल ए दिल By DINESH KUMAR KEER

1.बिखरे कितने गम है जमाने में हर एक आंख नम है जमाने में इन्सान ही इन्सान के काम आएगा तौबा कैसे वहम है जमाने मेंभीड़ अपनों की बहुत है लेकिन तन्हा तन्हा आलम है जमाने में तीसरा कोई नज...

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एहसास ए ख़ास By Manshi K

रात की चादर ______________ रात की चादर से लिपट रही हूँ, अंधेरे से खुद को छुपा रही हूँ। खुशियों की राहें अब गुम हो गईं, मेरे दिल की धड़कनें धीमी हो गईं।सपने जो कभी रंगीन थे मेरी नजर...

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धरती-आकाश By sarita baghela

स्वरचित, मौलिक, मानवेतर लघुकथा=धरती-आकाशधरती भूक्का फाड़कर रो रही थी, आकाश ने जब रोने का स्वर सुना तो उससे रहा नहीं गया। धरती की ओर देखा।धरती तुम क्यों रो रही हो,.... क्या हुआ...

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सपने बुनते हुए - 3 By Dr. Suryapal Singh

42. तुम्हीं बताओ मेरी आत्मा थी मनस्वी केवल बिटिया नहीं थी। आत्मा बिना क्या कोई जीवित रह पाता है? तुम कहते हो मैंने तिल-तिल आत्मघात किया मुझे जीना चाहिए था अपने लिए, पति के लिए, समा...

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एक हटिल दरार By Narayan Menariya

एक हटिल दरार... पुस्तक 2015 में मेरे द्वारा लिखित कुछ कविताओं में से छः कविताओं का संग्रह है। प्रथम कविता - में कवि उन सब कारणों का वर्णन कर्ता है जिनकी वजह से एक प्रेमी और उसकी प्...

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उत्तरायण - 2 By Choudhary SAchin Rosha

१. पत्थर दिल डर के बिना कठोरता का कोई अस्तित्व ही नहींपर कठोरता को निष्ठुरता या निर्दयता तुम समझना नहीं कठोरता गुण है पदार्थ का,ऊर्जा का नहीं।भ्रम से निकल सचिन, क्योंकि कठोर हृदय य...

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एहसास ए कविताएं.. By Manshi K

1 . यादें लेते जाना.... कभी आंसुओ तले दबी थी मैं हंस कर गम का घूंट पी थी मैंमालूम नहीं कहां खो गया वो पल वो लम्हा जो मेरा हुआ करता थाक्यूं ख़ामोश हो गया तक़दीर मेरा शायद गलती मेरी...

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बीते दौर की बीती यादें By Er.Vishal Dhusiya

1 रहट पद्धति कहाँ गई रहट पद्धति की सिंचाई कुँए से पानी भर आई बैल कोल्हू को जोड़ आपस में होती खेतों की सिंचाई कहाँ गई रहट पद्धति की सिंचाई शृंखला में बाल्टीयां बँधी बैलें गोल चक्कर...

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आह्वान प्रेम का 1. बड़े शातिर हो तुम, जोयूं जा रहे हो मुझे इश्क की लत लगाकरपर क्या जताना चाहते हो,अपना ख्याल रखना अब मुझे यह कहकरकि फिक्र करते हो मेरे लिएमेरी फिक्र की तुम फिक्र ना...

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1 एतबार इतना तो है हमे उन पर,खुश तो वो भी नही होंगे रुला के हमे,, ---------अंजू ----------- अब क्या क्या मांगू तुझ से ए खुदा ,दो गज जमी भी चाहिए मुझे दो गज कफ़न के बाद,, 2 कुछ ना भ...

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बुन्देली उजियारो ( बुन्देली काव्य संग्रह ) By Manoj kumar shukla

बुन्देली उजियारो ( बुन्देली काव्य संग्रह ) बुन्देली उजियारो महाकौशल के ५७ बुन्देली सृजनशिल्पियों का बुन्देली काव्य संकलन अखिल भारतीय बुन्देलखंड साहित्य एवं संस्कृति परिषद् जबलपुर क...

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कविता By DINESH KUMAR KEER

*(एक खूबसूरत कविता सभी शिक्षकों के लिये!!)*मेरे लिए भी*मत पूछिए कि शिक्षक कौन है?**आपके प्रश्न का सटीक उत्तर* *आपका मौन है।**शिक्षक न पद है, न पेशा है,* *न व्यवसाय है ।**ना ही गृहस...

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दोहा - कहें कविराय सुधीर ********युवा, नशा, नाश, अंजान, तन******युवा नशे में चूर हैं, अभी न उनको ज्ञान।नशा नाश उनका करे, इससे वो अंजान।।*****धन, धनिक, धनवान, कुबेर, पाखंड********धन...

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गजल संग्रह By डॉ अनामिका

"खुशनसीब हूँ मैं जो हसरत-ए-दीदार कर सकी.. वक्त के पहले ईद का चांद भी नज़र नहींआता है.."खा़लिक़ तुझसे गुजा़रिश है इकबार तो सामने आअनसुलझे सवाल पूछने हैं जो जे़हन में दफ़न है.. "खुशन...

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एक पहेली By Nandita Pandya

हर पल कुछ नया सीखा कर जाती हे ये जींदगी, हर रोज एक नया मोड लेती के ये जींदगी, हर मोड पर एक नई पहेली होती हे ये जींदगी ,एक पहेली सुलजी नही की दुसरी सुरु,हर एक पहेली सीखा कर जाती हे...

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काव्यांजलि, कविता संग्रह - 3 By Bhupendra Kuldeep

यह कृति मन से उपजी हुई भावनाएँ है जिसे काव्य के रूप में अर्थ दिया गया है। इस संग्रह में विभिन्न् विषयों वाले काव्यों का संकलन है। यह आवश्यक नहीं है कि मेरी सभी भावनाओं से आप सब सहम...

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शायराना फिज़ा... 2 - किस्से, तेरे-मेरे। By Utpal Tomar

~किस्से तेरे-मेरे ~कुछ किस्से बुनूं, तेरे और मेरे ,कुछ ख्वाब देखू जिनमें, मैं हूं और तू हो लिखूं कुछ कहानी तेरी और मेरी कोई सफर तय करूं, मुझसे जो तुझ तक हो, एक ऐलान करूं, जिसमें ना...

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"कुएं का मेंढक” तीन कविताओं का संग्रह है. क्या है, कैसी है यह तो आप पाठकगण ही बताएं तो अच्छा रहेगा . मैं तो बस आशा कर सकता हूं कि आपको यह संग्रह पसन्द आवें.
तो करो "अभी पढ...

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प्रेरक कविताएँ By Er.Vishal Dhusiya

1 पापा मेरे पापा मेरे सुबह सूरज निकलने से पहले घर छोड़ देते मेरे खुशियों के खातिर दिनभर हैं भटकते शाम को सूरज ढलने के बाद हैं घर लौटते कितना ख्याल रखते हैं मेरा पापा मेरे खुद पहनकर...

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1. सोचता हूँ, के कमी रह गई शायद कुछ याजितना था वो काफी ना था,नहीं समझ पाया तो समझा दिया होताया जितना समझ पाया वो काफी ना था,शिकायत थी तुम्हारी के तुम जताते नहींप्यार है तो कभी जमान...

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